श्वेत प्रदर को कैसे ठीक करे ? Leucorrhoea Allopathic Medicine

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श्वेत प्रदर (Leucorrhoea) को ठीक करने के एलोपैथिक मेडिसिन के बारे में निचे बताया गया है लेकी सबसे पहले श्वेत प्रदर (Leucorrhoea) क्या है इसके बारे में जान लें ! निचे लिंक पे क्लिक करे :-https://rajamedic.blogspot.com/2022/12/blog-post_27.html

श्वेत प्रदर (Leucorrhoea) को ठीक करने के लिए निम्न बातो पे ध्यान देना आवश्यक है !

  1. सफल चिकित्सार्थ-सही निदान अत्यावश्यक ।
  2. रोगिणी में यदि कोई रचनात्मक विकृति है तो उसके सुधार हेतु व्यवस्था अत्यावश्यक ।
  3. यदि श्वेत प्रदर रोग-किसी शारीरिक रोग के उपसर्ग अथवा उपद्रव स्वरूप पैदा है तो मूल रोग की चिकित्सा करना चाहिए। मूल रोग के ठीक होने पर श्वेत प्रदर हुआ रोग स्वतः ही आराम (ठीक) हो जायेगा।
  4. यदि रोगिणी को योनिशोथ गर्भाशय ग्रीबा शोथ के परिणाम स्वरूप श्वेत प्रदर रोग है तो पहले उसकी चिकित्सा करें।
  5. यदि रोगिणी में किसी शारीरिक, स्थानीय या संरचना जन्य विकृति के न मिल रहे हों तो मानसिक कारकों की ओर चिकित्सक को ध्यान देना चाहिए, साथ ही मूल रूप से रोग की यह चिकित्सा करना चाहिए।
  6. रोगिणी को सम्बन्ध अंगों की भली-भांति सफाई रखकर स्वास्थ्य नियमों का पालन करना चाहिए। खट्टी मीठी, तले भुने खाद्य, मिर्च-मसाले, चाय, काफी, शराब (मादक पेय) भांग, अफीम आदि त्याग कर देना चाहिए। कब्ज नही होने देना चाहिए।
  7. भोजन में ताजा हरी शाक-सब्जियाँ (सलाद के रूप में) सेवन करने से शरीर को
  8. पर्याप्त शक्ति प्राप्त होती है और कब्ज भी नहीं रहता है।
  9. अचार, आम, अनार, बैंगन, करेला, खट्टी चटनी, मिर्च-मसाले, तले-भुनें खाद्य पदार्थ (पकौड़ा, मगौड़ी, पूरियां, कचौड़ी, परांठा, समोसा आदि) तथा बासी भोजन सेवन नहीं करना चाहिए।
  10. प्रतिदिन सुबह-शाम घण्टा/पौन घण्टा घर से दूर पार्क/ बगीचा या खुले मैदान (साफ-स्वच्छ वायु) में घूमने/टहलने के लिए जाना चाहिए।
  11. रोगिणी को प्रतिदिन स्नान करना तथा भीतरी कपड़े प्रतिदिन बदलना चाहिए।
  12. जननांगों की सफाई की ओर विशेष ध्यान दें।
  13. स्थानीय रूप से बीटाडीन वैजाइनल पैसरी का प्रयोग करें तथा स्थानीय चिकित्सा के साथ ही साथ मेट्रोनिद्राजोल का कोई पेटेण्ट व्यवसायिक योग (यथा टेबलेट मेट्रोजिल (Metrogyl) निर्माता-यूनिक 400 मिग्रा० प्रतिदिन 3 बार 7 से 10 दिनों तक सेवन करनाचाहिए साथ ही वैजाइनल क्रीम योनि मार्ग में रात को सोते समय तथा सुबह 7-10 दिनों तक लगाना चाहिए।

नोट- रोगिणी के साथ ही साथ उसके पति को भी यह गोली सेवन करायें तथा चिकित्सा काल में सम्भोग निषेध कर दें।

अन्य समकक्ष पेटेण्ट व्यवसायिक उत्पादन

  1. टेबलेट, फ्लेजिल (Flagyi) निर्माता-निकोलस पीरामल 
  2. टेबलेट अरिस्टोजिल (Aristogyl) निर्माता-अरिस्टो
  3. टेबलेट मीट्रोन (Metron) निर्माता-अल्केम । 
  4. टेबलेट मोनीजोल (Monizole) निर्माता-पी०सी०आई०
  5. टेबलेट यूनिमिजोल (Unimezal) निर्माता-यूनिकेम ।
यदि मवाद (Pus) न हो तथा कल्चर करने पर अविशिष्ट (नॉन स्पैसिफिक) प्रकार के जीवाणु ही मिले तो एण्टीबायोटिक्स सल्फाड्रग्स और एण्टी सैप्टिक देने का कोई लाभ/ औचित्य नहीं है ।
सर्वाइकल इरोजन को काटराइज कर देने से बार-बार होने वाले श्वेत प्रदर में लाभ होता है।

नैटामाइसिन (Natamycin)

यह स्थानीय प्रतिकवक (लोकल एण्टी फंगल) है, जो विभिन्न पेटेण्ट व्यवसायिक नामों से बैजाइनल टेबलेट तथा आव्यूल्स के रूप में बाजार में उपलब्ध है। इसका उपयोग मिश्रित योनि संक्रमण, योनि योनिलिएसिस, श्वेत प्रदर, ट्राइकोकोनास योनि संक्रमण में किया जाता है।

मात्रा- 1-2 गोली या आब्यूल रात को सोते समय योनि मार्ग में लगायें 2 सप्ताह तक ।

निषेध - अतिसंवेदिता, जलन, खुजली में प्रयोग मत करें।

सावधानियाँ–

  1. गर्भावस्था, दुग्धावस्था में सावधानी अपेक्षित है।
  2. इस औषधि के प्रयोग के साथ-गर्भ निरोधक औषधियाँ प्रभावहीन हो जाती है।

प्रमुख पेटेण्ट व्यवसायिक उत्पादन

• पियाफुसिन वैजाइनल टेबलेट (Pimafusion Vaginal Tab) 100 मिग्रा० निर्माता-एन्डर |

क्लोट्राइमाजोल (Clotrizmazole)

यह भी Local Anti Fungal है, जो विभिन्न पेटेण्ट व्यवसायिक नामों से टेबलेट,

पैसरी, जैल तथा क्रीम के रूप में बाजार में उपलब्ध है। इसका उपयोग-योनि तथा योनि मार्ग योनिलिएसिस (Vulvo Vaginal Candidiasis) ट्राइकोमोनास योनि शोध, श्वेत प्रदर मिश्रित योनि संक्रमण, ग्राम निगेटिव या ग्राम पॉजीटिव जीवाणुओं द्वारा योनि संक्रमण तथा योनि शोथ (Non Specific Vaginalis) में किया जाता है।

मात्रा- 100 मिग्रा० की टेबलेट या पैसरी को रात को सोते समय योनि मार्ग में 6 दिन तक रख लेते हैं, या 200 मिग्रा० की टेबलेट या पैसरी को उसी प्रकार 3 दिन तक प्रयोग करते हैं, अथवा योनि क्रीम या योनि जैल को 6 दिन तक रात को सोते समय योनि मार्ग में लगाते हैं।

निषेध- गर्भावस्था की प्रथम तिमाही तथा मासिक धर्म के समय प्रयोग मना है। 

दुष्प्रभाव - अतिसंवेदिता, कभी-कभी स्थानीय जलन होती है। सावधानी - दुग्धावस्था में सावधानी अपेक्षित है।

कुछ प्रमुख पेटेण्ट व्यवसायिक उत्पादन

  1. कैन कैप वैजाइनल टेबलेट (Can-Cap VT) निर्माता- इण्डस्विट ।
  2. टेबलेट कैण्डीनिल (Candinil) निर्माता-इंगा।
  3. टेबलेट कैनीस्टीन (Canesten) निर्माता-बायर
  4. कैन फीम वैज्ञाइनल क्रीम (Canfem) निर्माता-जर्मन रेमेडीज
  5. क्लोसिप क्रीम, वैज्ञाइनल टेबलेट (Clocip) निर्माता - सिपला
  6. डी कैण्ड वैजाइनल टेबलेट (Decandy 3, निर्माता- कोमेड
  7. सुरफेज वैजाइनल टेबलेट (Surfaz) निर्माता- फ्रैन्कोइण्डियन
  8. वेजिड वैजाइनल टेबलेट (Vagid) निर्माता- बिलीस ।

इकोनाजोल (Econazole)

यह भी उपरोक्त संवर्ग की ही औषधि है जो टेबलेट, पैसरी के रूप में बाजार में विभिन्न पेटेण्ट व्यवसायिक नामों से उपलब्ध है। इसका उपयोग योनि व योनिमार्ग योनिलिएसिस व श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) में किया जाता है। मात्रा- 1 टेबलेट या 1 पैसरी रात को सोते समय योनि मार्ग में 3 दिन तक रखें।

प्रमुख पेटेण्ट व्यवसायिक उत्पादन

  • इकानोल वैजाइनल टेबलेट (Ecanol Vaginal Tablet) निर्माता-साराभाई । लैक्टोबेसिलस स्पोरोजेन्स (Lacto Bacillus Sporogens)

यह स्थानीय प्रतिसूक्ष्म जीनी (लोकल एण्टीमाइक्रोबियल) है जो टेबलेट के रूपमें विभिन्न पेटेण्ट व्यवसायिक नामों से बाजार में उपलब्ध है। इसका उपयोग योनि मार्ग की सूजन (नॉनस्पेसिफिक वैजीनाईटिस) तथा श्वेतप्रदर में किया जाता है।

मात्रा- 1 टेबलेट प्रतिदिन 2 बार (एक सप्ताह तक) योनि मार्ग में रखें। 

सावधानी – गर्भावस्था व दुग्धावस्था में सावधानी अपेक्षित है।

निषेध - अतिसंवेदिता में प्रयोग न करें।

कुछ प्रमुख पेटेण्ट व्यवसायिक उत्पादन

  1. लेक्टोबेसिल कैपसूल, सैचेट (Lactobacil) निर्माता-इन्फार । 
  2. स्पोकेयर टेबलेट (Spocare) निर्माता-विनकेयर रेमेडीज
  3. लेब टेबलेट (Lab) निर्माता - एलोरिक फार्मा ।
  4. लैब फोर्ट टेबलेट (Lab Forte) निर्माता-एलोरिक फार्मा । 
  5. डेटोल (Dettol) 10-20 बूंद 600 मिली० पानी में मिलाकर दिन में 3 बार योनिडूश करें।
  6. गायनो डाक्टेरिन (Gyno Daktarin) निर्माता-एथनोर। इस वैजाइनल जैल को योनि के अन्दर लगायें अथवा किसी सादा क्रीम में मिलाकर लगातार 14 दिनों तक योनि में लगायें। यह समस्त मिलाकर लगातार 14 दिनों तक योनि में लगायें। यह समस्त प्रकार के श्वेतप्रदर में लाभकारी है।
  7. इन्जेक्शन प्लेसेन्ट्रेक्स (Placentrex) निर्माता - अल्बर्ट डेविड 2 मिली० के 1 एम्पूल का इन्जेक्शन मांसान्तर्गत (I/M) प्रतिदिन या 1 दिन बीच में अन्तराल छोड़कर कुल 20 इन्जेक्शन लगायें।
  8. टेरामाईसिन या वीटाडीन वैजाइनल टेबलेट रात को सोते समय योनि के भीतर काफी गहराई से / गहरी दूरी पर निरन्तर 2 सप्ताह रखें।
  9. अशोका रेडसन (Ashoka Redson) निर्माता रैडसन। 2 चम्मच 3 बार पानी के साथ दें।

ट्राइकोमोनास वेजीनाइटिस से उत्पन्न श्वेदप्रदर में-

'मेट्रोनिद्राजोल' 400 मिग्रा० की टेबलेट दिन में 3 बार रोगिणी तथा रोगिणी के पति (दोनों) को निरन्तर 8 दिन सेवन करायें। औषधि सेवनकाल में मद्य सेवन तथा संभोग वर्जित कर दें।

सावधानी - इस अवस्था में एण्टीबायोटिक्स की आवश्यकता नहीं होती। ये रोग के लक्षणों को वृद्धि करते हैं।

 वैजाइनल पैसरी रात को सोते समय 8 दिन तक प्रयोग करें / करायें।

मोनिलियल वैजीनाईटिस-

यदि रुग्णा मधुमेह (डायबिटीज) से पीड़ित हो, गर्भवती हो तो एण्टीवायोटिक्स अथवा कण्ट्रासेप्टिव पिल्स सेवन की हो तो इसकी ओर संदेह/शंका करनी चाहिए। इस दशा में माइकोस्टेटिन वैजाइनल टेबलेट (Mycostatin) निर्माता स्किबब। रात को सोते समय योनि के अन्दर रखें। प्रयोग निरन्तर 4 सप्ताह तक चालू रखें।

सर्वीसाइटिस-

श्वेत प्रदर का यह तीसरा सामान्य कारण है। यह सभी रोगणियों में संदेहात्मक होता है और अधिकांश रोगिणियाँ मिलती हैं। ऐसे रुग्णाओं में कमरदर्द अवश्य मिलता है। चिकित्सा में - इण्डोसर्विसाइटिस एवं सर्विक्स के इरोजन (Erosion) में काटराइजेशन आवश्यक है। इस चिकित्सा में सर्वाइकल कैनाल तथा इरोजन (दोनों) को काटराइज किया जाता है, साथ ही रोगिणी को एण्टीबायोटिक्स (जैसे-टेटरासाइक्लिन 250-500 मिग्रा० दिन में 4 बार 10 दिन तक) देते हैं ।

नोट-

  • यदि इरोजन से रक्त (Blood) आ रहा हो तो रोगिणी में सर्विक्स के कैंसर की सम्भावना को ध्यान में रखते हुए कैंसर की परीक्षार्थ भेज देना चाहिए। 
  • रक्ताल्पता (एनीमिया) इस रोग का एक मुख्य कारण है। अतः इसको ध्यान में रखते हुए चिकित्सा करना चाहिए। रोगिणी का सामान्य सुधार अत्यावश्यक है।

श्वेत प्रदर में कुछ अन्य उपयोगी औषधियाँ

  1. टेबलेट नोरफ्लोक्स (Norflox) निर्माता- सिपला। 450 मिग्रा० की 1 गोली दिन में 2 बार 7-10 दिनों तक सेवन करायें।
  2. फोरकेन कैपसूल (Forcan) निर्माता सिपला। 50 मिग्रा० का 1 कैपसूल एक मात्रा के रूप में दें। वैजाइनल इन्फैक्शन जन्य श्वेतप्रदर में लाभकर है।
  3. इन्जेक्शन एम्पोक्सिन (Ampoxin) निर्माता-यूनिकेम। संक्रमण से उत्पन्न श्वेतप्रदर में 1500 मिग्रा0 से 1 ग्राम तक का इन्जेक्शन नितम्ब के गहरे मांस (I/M) या शिरा में (IV) में धीरे-धीरे प्रत्येक 6-6 घंटे पर लगायें।
  4. नोवाक्लोक्स इन्जेक्शन (Novaclox) निर्माता-सिपला। प्रयोगविधि - पूर्ववत् । उपरोक्त विधिनुसार ही दें।
  5. इन्जेक्शन (Megapen) निर्माता-एरिस्टो। प्रयोग-पूर्ववत् ।
  6. फोर्टीफाइडप्रोकेन पेनिसिलीन / पी०पी०एफ० इन्जेक्शन (Fortifide Procain Pencillin) निर्माता-एलेम्बिक। सुजाक (गोनोरिया) से उत्पन्न श्वेतप्रदर में 1 इन्जेक्शन प्रतिदिन या दिन में 2 बार मांस में (I/M) लगायें ।

नोट- पेनिसिलीन की अतिसंवेदिता में प्रयोग न करें।

  1. इन्जेक्शन कैम्पीसिलीन (Campicillin) निर्माता-कैडिला । 250-500 मिग्रा० का इन्जेक्शन लगायें। साथ ही वैजाइनल टेबलेट का रोगिणी को प्रयोग करायें।
  2. वीटाडीन वेजाइनल पेसरी (Betadine) निर्माता-विन मेडिकेयर । 2 पेसरी प्रतिदिन योनि में रात को सोते समय 2 सप्ताह तक रख वायें ।
  3. कोल्पोमीन वेजाइनल टेबलेट (Colpomin) निर्माता-फेयरडील। गोली योनि में रात को सोते समय गहराई से (अन्तिम भाग पर) प्रविष्ट करायें रखवायें ।
  4. मेनोरिन पेय (Menorin) निर्माता -यूनिकेम। 1-2 छोटे (चाय वाले) चम्मच भर दवा समान भाग पानी मिलाकर दिन में 3 बार पूर्ण लाभ न होने तक सेवन करायें।
  5. एलेट्रिस इलिक्जिर (Aletris Elixir) निर्माता-अलेम्बिक। 1-2 चम्मच दिन में 3-4 बार मामूली गर्म जल मिलाकर सेवन करायें ।
  6. फेलोपेन कैपसूल (Felopen) निर्माता-प्लेथिको। 1-4 ग्राम की मात्रा को कई समान भागों में विभाजित कर 6-6 घंटे पर दें।


श्वेतप्रदर क्या होता है लक्षण प्रकार और पहचान / What is Leucorrhoea, Symptoms, Types and Identification

 

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