दोस्तों आज के इस पोस्ट में जानेंगे की ठंड में हाथ पैर की सूजन क्या है, और क्यों होता है ? तथा इनसे कैसे बचा जाये और इसका घरेलु उपचार तथा आयुर्वेदिक इलाज साथ ही एलोपैथी मेडिसिन के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे !
ठंड में हाथ पैर की सूजन क्या है और क्यों होता है ?
दोस्तों ठंढ में हाथ पैर की सुजन तथा खुजली को हिंदी में चिलब्लेन्स कहा जाता है साथ ही इसे अन्य नामों से जाना जाता है,जैसे की :- बिवाई,पेरनिओसिस और अंग्रेजी में इसे Chilblains कहा जाता है ! 
- ठंड के मौसम में कुछ लोगों के हाथ और पैर में सूजन की समस्या का सामना करना पड़ता है। विशेषज्ञों के अनुसार इस समस्या को चिलब्लेन कहा जाता है यह ठंड में नंगे पैर घूमने या तापमान में अचानक बदलाव से होता है।
 - यह बीमारी खासकर के पैर या हाथ की उंगली में होती है जो लाल या बैंगनी रंग की खुजलीदार सूजन होती है। इसे पेरनिओसिस भी कहा जाता है। तथा इससे अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे कि चिलब्लेन ,बिनाई ,ठंड से सूजन ।
 - यह बीमारी खास करके अधिक ठंड एवं वातावरण के संपर्क में आने से होता है।
 - इसमें त्वचा पर लाल रंग की छोटी से गांठ दिखाई देखने को मिलती है जो दर्दनाक और फफोले के रूप में विकसित होती है जहां खुजली और जलन होने लग जाती है।
 - ठंड से उंगलियों में आई हुई सूजन 1 से 2 हफ्तों के भीतर ठीक हो जाता है। जब वातावरण गर्म होने लगता है तो यह बीमारी बहुत जल्द ही ठीक हो जाता है।
 
बिवाई होने का मुख्य कारण:-
जब त्वचा अत्यधिक ठंडे तापमान में आती है तो प्रभावित त्वचा में ब्लड के सरकुलेशन की सामान्य प्रक्रिया प्रभावित हो जाती है जिसके वजह से यह रोग दिखाई देने लगता है।
लक्षण:- 
- जिन लोगों में बिवाई होने का खतरा अधिक रहता है उन्हें ठंड शुरू होते ही हाथों और पैरों में जलन तथा खुजली अनुभव होने लग जाता है।
 - प्रभावित क्षेत्रों में लालिमा व सूजन भी देखी जा सकती है।
 - त्वचा की ऊपरी सतह पर छोटे छाले हो जाते हैं।
 - त्वचा के छोटे से हिस्से में खुजली व लालिमा हो जाता है ।
 - त्वचा में सूजन आ जाता है।
 - त्वचा पर जलन महसूस होता है।
 
बिवाई से बचाव के उपाय/Prevention of Chilblains in Hindi:-
- प्रभावित अंग के तापमान को गर्म रखना चाहिए।
 - प्रभावित त्वचा को एंटीसेप्टिक दवा से साफ करना और संक्रमण होने के खतरे से बचाने के लिए हल्की पट्टी से ढक कर रखना चाहिए।
 - प्रभावित त्वचा को खुरचन आवारा करना से परहेज करना चाहिए।
 - जितना संभव हो प्रभावित अंग को गर्म रखने का प्रयास करें।
 - खुजली को कम करने के लिए उचित लोशन या टेबलेट का उपयोग करें।
 
Chilblains Treatment at Home:-
- नमक से सिकाई - गर्म पानी में सेंधा नमक मिलाकर 10 से 15 मिनट तक पानी में पैर रखें। पानी की गर्माहट दर्द को खींच लेगी और सेंधा नमक से शरीर में मैग्नीशियम की पूर्ति होगी। इस प्रक्रिया को दिन में एक से दो बार ही करें।
 - गर्म तेल से मालिश - कटोरी में थोड़ा जयपुरिया नारियल का तेल ले और इसे गर्म कर प्रभावित स्थान पर मसाज करें इससे प्रभावित नसों में रक्त का संचार होगा और दर्द दूर होगा।
 - सरसों का तेल से मालिश:-आपके हाथ या पैर जहां कहीं उंगली में सूजन या दर्द हो वहा दिन में दो से तीन बार सरसों का तेल लगाते रहे सूजन में आई गांठ धीरे-धीरे कम हो जाएगी।
 - लहसुन और सरसों का तेल:- सर्दियों के मौसम में सूजन से राहत पाने के लिए सरसों के तेल में तीन से चार लहसुन की कलियां डालकर खोलने दे। फिर इसे मालिश करने योग्य ठंडा होने के बाद गुनगुने तेल से मालिश करें काफी आराम मिलेगा।
 
एलोपैथिक उपचार:-
अगर आपकी age 14 साल से अधिक अधिक है तो यह सारे दवाई सुबह-शाम 1-1 टेबलेट उपयोग कर सकते हैं, जिससे 2 से 4 दिन में ठीक हो जाता है।
Warnings:- कोई भी दवा यूज करने से पहले आप अपने नजदीकी डॉक्टर से सलाह जरूर लें। बिना डॉक्टर के परमिशन के बगैर कोई भी दवा यूज मत करें।
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